वो हसीन लम्हा का आशा जब तनहा दिल खिलगया मिलन में
कहा खोगया जो लम्हा, ढूंढता हूँ उसे तनहा जीवन में
फिर से आएगा लम्हा, खिलेंगे कलियाँ हमारे चमन में
तमन्ना तेरी ही छुपी, जहाँ के हर कोने के पवन में
तेरी रौशनी में जगमगाता है हर मौम्बती चिलमन में
आये थे तुम झलक से, अब बसगयी इस बेबस धड़कन में
लम्हा जो खोगाया आज फिर मिलगया मेरे जीवन में
अब तो रहना है संग चाहे जीवन में या कफ़न में
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