प्यासा हूँ मैं चाहत की प्यास में
प्यास भुजाये कोई मेरा, जीता हूँ यही आस में
तनहा न मर्जाऊ कही यही एक डर है
इसलिए जी रहा हूँ अब तुम्हारी एहसास में
प्यास भुजाये कोई मेरा, जीता हूँ यही आस में
तनहा न मर्जाऊ कही यही एक डर है
इसलिए जी रहा हूँ अब तुम्हारी एहसास में
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