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Sunday, August 24, 2025

सुकून


ज़िन्दगी भर यही सुनता रहा कि अगले पल में ही सुकून है 


जब मौत दरवाज़े पर खड़ी थी, तब जाना कि मय्यत में ही सुकून है


वक़्त की साज़िश


ज़िन्दगी वक़्त की साज़िश है,

हर खुशी एक कशमकश है,

जो मिला, वो खोने का डर,

जो न मिला, वो पाने की ख्वाहिश है

Monday, May 5, 2025

वक़्त की साज़िश

ज़िन्दगी वक़्त की साज़िश है,
हर खुशी एक कशमकश है।
जो मिला, वो खोने का डर,
जो मिला, वो पाने की ख्वाहिश है।

Sunday, April 24, 2022

SAAMNE TU - SONG - LYRICS

 SAAMNE TU - SOUNDCLOUND LINK


SONG LYRICS


Saamne Tu Aaye Toh

Saans Tham Sa Jaaye Toh

Saare Sapne Sach Hue Tab

Saavan Yahi Hai Lage Ab

Sang Tera Rahe Jab

Saathi Tum Ho Kahe Mere Lab


Tum Hi Ho Meri Chaandni

Tumse Hi Hai Meri Har Raat

Tum Hi Ho Din Ki Roshni

Tumse Hi Hoti Hai Meri Har Baat


Saamne Tu Aaye Toh

Saans Tham Sa Jaaye Toh..

Saturday, December 7, 2019

हर लफ्ज़ में आपका नाम

लिखने को बैठा पर कुछ लिख नहीं पाया 
क्या लिखे हर लफ्ज़ में आपका नाम जो पाया 

ज़रुरत नहीं

मुलाक़ात होती है आप से हर रोज़ ख़यालों में, आँसू ढूढ़ने की ज़रुरत नहीं 
जब भूलेंगे आपको दिल खुद ही रुक जाएगा मरने के लिए वजह की ज़रुरत नहीं 

Tuesday, November 20, 2018

ख़यालों की पनाह

फ़ना होजाये हम आपके लिए ,
चाहत भी आज चाहती है वो समा 
ज़रा हटाकर तो देखो ख़यालों की पनाह को 
आपको भी नज़र आयेगा वो समा 

आपके बातों का मेहफिल

सो रहे थे जीवन में जब सोने का साहिल मिला 
सोचा न था जो सपनों में, ऐसा मंज़िल मिला 
सोना भी कुछ नहीं जब आपके बातों का मेहफिल मिला 

आपकी परछाई

दिल के दामन पे छा गयी आपकी परछाई ऐसी 
ज़मीन के ऊपर विशाल आसमान जैसी 
क्या केहते है इसे मालूम नहीं, पर लगता है 
पूरे हुए दिल के सारे अरमान जैसे 

Tuesday, January 30, 2018

रात काट के

रात काट के कितने रात हुए 
खुद से ही न जाने कितने बात हुए 
ख़यालों में न जाने कितने मुलाक़ात हुए 
आपके प्यार में कैसे कैसे हालात हुए 
हर बात पे हस्ते है अब, ऐसे हालात हुए 
ज़िन्दगी में न जाने कितने पल सौगात हुए 
रात काट के न जाने कितने रात हुए   

मौत में भी यादें

एतबार न था हम कभी आपके प्यार को पायेंगे
दीदार न हुई आपसे, बस आस था कि हम मिल जायेंगे
आस पूरा हुआ मुलाकात से, तब से बातों में ज़िन्दगी गुज़ार दी
अब तो हम मौत में भी यादों को लिए जिये जायेंगे 

लफ़्ज़ों कि ताकत

लफ़्ज़ों कि ताकत ये है की, हर दर्द मिटा सके और हर ग़म भुला सके 
कुछ लफ्ज़ ये भी है कि, फूल को पत्थर बना सके और हसी में रुला सके 

Saturday, January 20, 2018

ख़याल-ए-मजबूर

ख़याल-ए-मजबूर है हम और आप भी मजबूर
बेक़सूर रेहकर भी क्यों है, एक दूजे से दूर 
जुदाई का आलम कभी तो ख़तम होगा ज़रूर 
दुआ है बस इतनी की फिर एक मुलाकात हो आप से जान-ए-हुज़ूर 

मन्नत

मन में जो है, जब वो लफ्ज़ बनजाये तो राहत है 
जब कोई उन लफ़्ज़ों को ईमान से सजा दे तो वही जन्नत है 
हर लफ्ज़ में ख़ुशी पाऊ यही चाहत है 
हर लफ्ज़ किसी और को जन्नत दिलाये वही मेरी मन्नत है 

वक़्त नहीं

सवाल इतने है पर जवाब जान ने का वक़्त नहीं 
कोई हमे इस उलझन से बचाये, ये दुआ करने का भी वक़्त नहीं 
करे तो क्या करे, कहे तो क्या कहे 
लिख रहे है कुछ और इसे समझाने का वक़्त नहीं 
भागम दौड़ी ज़िन्दगी है, कुछ बया करने का वक़्त नहीं 

Tuesday, January 2, 2018

न मंज़ूरी

मोहब्बत तो ज़ाहिर था उनका, पर उन्हें इश्क़ मंज़ूर नहीं था 
मसरूफ़-ए-इश्क़ का कोई ज़िक्र क्यों करे जब वो मशहूर नहीं था 

एक शम्मा जला

एक शम्मा जला  आग़ाज़ की आस में 
रोशन करने इस अंधेरी दुनिया को 
जल जल के बुझने लगा तेल की प्यास में 
किसी ने परवाह न की उस शम्मे की इस दुनिया में 

Tuesday, March 14, 2017

तुम आओ मेरे साथ

शरमाने कि अदा आप से खूब कोई जानता नहीं 
जानता भी हो, तो उसका रहना मैं तो मानता नहीं 
चाहत है मेरी इतनी की तुम आओ मेरे साथ 
उस दुनिया में जहां हमें कोई पेह्चानता नहीं

छोड़ जायेंगे

कितने आये यहाँ कितने गये भी 
बातें रहगये उनकी और कुछ यादें भी 
रहे न रहे हम कल यहाँ पर 
छोड़ जायेंगे कुछ निशानी कुछ फरियादें भी

ऐसी अजनबी

राह वीरान है, मंज़िल सुनसान है 
हर कोई जो हमसे अनजान है 
चाहत है कि कोई ऐसी अजनबी मिले 
जिन्हें मिलकर कहे ज़िन्दगी तुमपे कुरबान है

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I firstly declare here that all the content written in the blog is exclusively written by me and I hold the copyrights of each and everything. Be it a poem or a movie review. Also, the videos or photographs I upload or attach are exclusively owned by me. This declaration is important in a world that seems so worried of piracy. The prime purpose of these blogs is to put my writings and photographs on the net. and well to start with.... I live in my mind, and existence is the attempt to bring my thoughts into physical reality, I celebrate myself, sing myself and I am always happy in my own company.....I am not the best in the world but I strive for excellence and thats what keeps me alive... Talking much about oneself can also be a means to conceal oneself--Friedrich Nietzsche