सवाल इतने है पर जवाब जान ने का वक़्त नहीं
कोई हमे इस उलझन से बचाये, ये दुआ करने का भी वक़्त नहीं
करे तो क्या करे, कहे तो क्या कहे
लिख रहे है कुछ और इसे समझाने का वक़्त नहीं
भागम दौड़ी ज़िन्दगी है, कुछ बया करने का वक़्त नहीं
कोई हमे इस उलझन से बचाये, ये दुआ करने का भी वक़्त नहीं
करे तो क्या करे, कहे तो क्या कहे
लिख रहे है कुछ और इसे समझाने का वक़्त नहीं
भागम दौड़ी ज़िन्दगी है, कुछ बया करने का वक़्त नहीं
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