मन में जो है, जब वो लफ्ज़ बनजाये तो राहत है
जब कोई उन लफ़्ज़ों को ईमान से सजा दे तो वही जन्नत है
हर लफ्ज़ में ख़ुशी पाऊ यही चाहत है
हर लफ्ज़ किसी और को जन्नत दिलाये वही मेरी मन्नत है
जब कोई उन लफ़्ज़ों को ईमान से सजा दे तो वही जन्नत है
हर लफ्ज़ में ख़ुशी पाऊ यही चाहत है
हर लफ्ज़ किसी और को जन्नत दिलाये वही मेरी मन्नत है
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