ख़बर नही, और नही कोई पता तुम्हारा
पर तुम्हे चाहने लगे
तुझसे कोई रिश्ता नही
पर तुम्हारी सलामती मांगने लगे
क्या कहते है ऐसे उलझन को
यह तो हमे मालूम नही
पर जबसे देखा हूँ तुझे
तबसे तेरे ही सपने आने लगे
पर तुम्हे चाहने लगे
तुझसे कोई रिश्ता नही
पर तुम्हारी सलामती मांगने लगे
क्या कहते है ऐसे उलझन को
यह तो हमे मालूम नही
पर जबसे देखा हूँ तुझे
तबसे तेरे ही सपने आने लगे
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