ज़िन्दगी छूटी, होगयी मौत कि तय्यारी
राज़दारी जो चली हमारी यारी
खालिया मुझे वो बिमारी
दिया बेज़ारी, किया बाज़ारी, छोड़ा बिखारी
रंगीन थे अखियाँ, अब है वो बेआँसू सूखे पिचकारी
खुददारी कहा, हम बमे बने बड़े नाकारी
कफ़न में होगा साथ, यादों कि अलमारी
होगी वहा पर भी वफ़ा से जंग ज़ारी
राज़दारी जो चली हमारी यारी
खालिया मुझे वो बिमारी
दिया बेज़ारी, किया बाज़ारी, छोड़ा बिखारी
रंगीन थे अखियाँ, अब है वो बेआँसू सूखे पिचकारी
खुददारी कहा, हम बमे बने बड़े नाकारी
कफ़न में होगा साथ, यादों कि अलमारी
होगी वहा पर भी वफ़ा से जंग ज़ारी
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