जागा मैंने रातें कई सजाई मैंने बातें कई
थामी मैंने जस्बातें कई समाई मैंने सौगातें कई
ए हसीन दिलरुबा तोड़ने को हूँ तय्यार मेरे नातें कई
अब और भी कहना है बातें कई, बिताना है तेरे संग रातें कई
थामी मैंने जस्बातें कई समाई मैंने सौगातें कई
ए हसीन दिलरुबा तोड़ने को हूँ तय्यार मेरे नातें कई
अब और भी कहना है बातें कई, बिताना है तेरे संग रातें कई
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