सुनसान जगह था जिस में अपना जहाँ बनाया 
जब नज़र आया तेरा चेहरा तो गम हुआ मेरी तन्हाई
सोचा की तुम भी तन्हा हो, पर ऐसा हुआ नहीं
साथ लायी थी अपनी मौत को, फिर मैंने पाया तन्हाई
जब नज़र आया तेरा चेहरा तो गम हुआ मेरी तन्हाई
सोचा की तुम भी तन्हा हो, पर ऐसा हुआ नहीं
साथ लायी थी अपनी मौत को, फिर मैंने पाया तन्हाई
 

No comments:
Post a Comment