मैं किसी कौम का नहीं, मज़हब का मतलब भी जानता नहीं
न हिन्दू हूँ, मुसलमान भी नहीं
और नहीं कोई शिकवा है, हमे इस दुनिया से
फिर क्यों इलज़ाम देते है लोग की हम इंसान ही नहीं
न हिन्दू हूँ, मुसलमान भी नहीं
और नहीं कोई शिकवा है, हमे इस दुनिया से
फिर क्यों इलज़ाम देते है लोग की हम इंसान ही नहीं
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