गुलशन बनगया मेरा जहाँ तेरे आने पे
जन्नत बनगयी ये समा तेरे मुस्कुराने पे
जीने की चाहत लायी हो तुम ज़िन्दगी में
पर मर न जाये कही तेरे शरमाने से
जन्नत बनगयी ये समा तेरे मुस्कुराने पे
जीने की चाहत लायी हो तुम ज़िन्दगी में
पर मर न जाये कही तेरे शरमाने से
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