सीढ़ियों पे सोगयी है शीशमहल की कहानियाँ
जिसके बातें करते थे यहाँ कि कई ज़बानियाँ
शायद हमारी भी एक कहानी होगी
फिर न जाने क्यों याद आ रहे है हमें वो कहानियाँ
जिसके बातें करते थे यहाँ कि कई ज़बानियाँ
शायद हमारी भी एक कहानी होगी
फिर न जाने क्यों याद आ रहे है हमें वो कहानियाँ
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