रात हो या सुबह, आपको शामिल करता कुदरत है
लाल हो या पीला, आपकी रौनक से सजता रंगत है
सूखा हो या गीला, आपकी चाहत भरता हुआ मौसम है
सा हो या नई, आपकी आवाज़ में गाता सरगम है
खुशनसीब है वह सागर जिस में आपका संगम है
लाल हो या पीला, आपकी रौनक से सजता रंगत है
सूखा हो या गीला, आपकी चाहत भरता हुआ मौसम है
सा हो या नई, आपकी आवाज़ में गाता सरगम है
खुशनसीब है वह सागर जिस में आपका संगम है
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